गजलें और शायरी >> सात जमीनें एक सितारा सात जमीनें एक सिताराबशीर बद्र
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बशीर बद्र की ग़ज़लें...
आस होगी, न आसरा होगा
आने वाले दिनों में क्या होगा
मैं तुझे भूल जाऊंगा इक दिन
वक्त सब कुछ बदल चुका होगा
नाम हमने लिखा था आंखों में
आंसुओं ने मिटा दिया होगा
कितना दुश्वार था सफ़र उसका
वो सरे-शाम सो गया होगा
पतझड़ों की कहानियां पढ़ना
सारा मंज़र किताब-सा होगा
आसमां भर गया परिन्दों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा
आने वाले दिनों में क्या होगा
मैं तुझे भूल जाऊंगा इक दिन
वक्त सब कुछ बदल चुका होगा
नाम हमने लिखा था आंखों में
आंसुओं ने मिटा दिया होगा
कितना दुश्वार था सफ़र उसका
वो सरे-शाम सो गया होगा
पतझड़ों की कहानियां पढ़ना
सारा मंज़र किताब-सा होगा
आसमां भर गया परिन्दों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा
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